
Growing popularity of Indian cars in Japan. भारतीय करो को जापान में बढ़ती लोकप्रियता के पीछे क्या कारण हो सकता है ? क्या यह मेक इन इडिया के मुहीम के तहत हुआ है ? क्या यह मेकिंग इंडिया की सफलता मान सकते है आईए जाने डाटा क्या कहता है।
भारतीय कारों की जापान में मांग तेजी से बढ़ रही है। FY2025 में जापान भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा कार निर्यात बाजार बना। जानिए इस उपलब्धि के पीछे की पूरी कहानी।
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि वित्त वर्ष 2025 में जापान भारतीय निर्मित कारों के लिए पाँचवाँ सबसे बड़ा आयातक बनकर उभरा है। यह भारतीय वाहन निर्माताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो दर्शाता है कि दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी और गुणवत्ता-सचेत बाजारों में भी भारतीय कारों को स्वीकार किया जा रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, FY25 के पहले नौ महीनों में भारत से जापान को कार निर्यात का कुल मूल्य $616.4 मिलियन तक पहुँच गया, जबकि पूरे FY24 में यह आंकड़ा $220.6 मिलियन था। मार्च 2025 के आंकड़े अभी आने बाकी हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसमें और वृद्धि होगी।
यह वृद्धि भारतीय ऑटो क्षेत्र की समग्र प्रगति का हिस्सा है। FY25 में भारत से कुल वाहन निर्यात 15% बढ़कर 770,364 इकाइयों तक पहुँच गया। वहीं घरेलू बिक्री में भी 2% की वृद्धि हुई, जो 4.3 मिलियन वाहनों तक पहुँची।
जापान जैसे बाजार में भारतीय कारों की मांग में यह उछाल विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि जापान गुणवत्ता मानकों और घरेलू ब्रांडों की प्राथमिकता के लिए जाना जाता है। ऐसे में भारतीय वाहनों का वहाँ स्वीकार किया जाना इस बात का प्रमाण है कि भारत की उत्पादन गुणवत्ता, डिज़ाइन, नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता में काफी सुधार हुआ है।
जापान के अलावा, भारतीय कारें अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे बाजारों में भी अपनी पकड़ बना रही हैं। लेकिन विकसित और चुनिंदा बाजारों में प्रवेश करना भारत के लिए वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हो सकती है।
विदेशों में भारतीय कारों की बढ़ती लोकप्रियता न केवल ऑटो उद्योग के लिए अच्छी खबर है, बल्कि यह भारत की निर्माण क्षमता और वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा में बढ़ती ताकत को भी दर्शाता है। सरकार के समर्थन, रणनीतिक नीतियों और नवाचार पर ध्यान देने के साथ, भारत भविष्य में वैश्विक ऑटो बाजार में अपनी स्थिति और मजबूत कर सकता है।
भारतीय ऑटोमेकर ने यह जो एक्सपोर्ट बढ़ाया है उसमें जापानी ऑटो कंपनिया का बड़ा योगदान है। जैसी के maruti suzuki ,hyuindai,kia etc
निष्कर्ष :–
जापान का भारतीय ऑटो निर्यात के एक प्रमुख बाजार के रूप में उभरना “मेक इन इंडिया” पहल की सफलता की ओर इशारा करता है। जैसे-जैसे भारतीय कारें टोक्यो की सड़कों पर दौड़ रही हैं, वैसे-वैसे भारत का औद्योगिक सपना वैश्विक हकीकत में बदलता जा रहा है।
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